short moral stories in hindi | हिंदी कहानी

एक समय की बात है एक बहुत गरीब आदमी एक बड़े शहर में किराए के घर में रहता था परिवार में उसका ध्यान रखने वाला कोई भी नहीं था क्योंकि उसके परिवार में से कुछ की मृत्यु हो गई और कुछ ने उसे छोड़ दिया था। अब वह बिल्कुल अकेला हो गया था इसके बावजूद उसने जिंदगी से हार नहीं मानी और मैं किसी तरह अपना गुजारा करता रहा।


किंतु कुछ समय बाद उसकी उम्र अधिक हो जाने के कारण उसे उसके ऑफिस से निकाल दिया गया। कुछ दिन तक उसने जैसे तैसे अपना गुजारा किया लेकिन अब उसे बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। वह अपनी जिंदगी से बहुत निराश हो चुका था उसके सारे पैसे खत्म हो चुके थे और वह जिस घर में रह रहा था उसने वहां का किराया भी 3 महीनों से नहीं दिया था।


इस पर मकान मालिक उससे बहुत गुस्सा हो गया और उसे घर से निकालने की धमकी देने लगा किंतु बहुत मिन्नतें करने पर उसने उसे 1 महीने का समय फिर से दे दिया। अब 1 महीने बीत जाने के बाद भी उस व्यक्ति को कोई काम ना मिला और वह अपने घर का किराया नहीं दे पाया जिसके कारण मकान मालिक ने उसे घर से निकाल दिया।


वह व्यक्ति अब बहुत ज्यादा दुखी था क्योंकि उसके पास रहने का कोई ठिकाना ना था अब वह लगातार भगवान को कोस रहा था कि तुमने मेरे साथ ऐसा क्यों किया? वह ऐसा कर ही रहा था कि उसे एक खबर मिली, जिस मकान में वह रहता था उसी मकान के आसपास एक जोरदार भूकंप आया और उस भूकंप के कारण वह मकान गिर गया और उसमें बहुत से लोग मारे गए।
उस दिन के बाद से उस व्यक्ति ने भगवान को कोसना बंद कर दिया क्योंकि उसे समझ आ चुका था यदि मेरा मकान मालिक मुझे अपने घर से नहीं निकलता तो आज उसी की तरह मैं भी वहां मरा हुआ पड़ा होता।

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